नजरिया बदलो

yakubraza | 1:46 pm | 0 टिप्पणियाँ

पिताजी कोई किताब पढने में व्यस्त थे , 
पर उनका बेटा बार-बार आता 
और उल्टे-सीधे सवाल पूछ कर उन्हें डिस्टर्ब कर देता

पिता के समझाने और डांटने का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ता.

तब उन्होंने सोचा कि अगर बच्चे को 
किसी और काम में उलझा दिया जाए तो बात बन सकती है.
 
उन्होंने पास ही पड़ी एक पुरानी किताब उठाई 
और उसके पन्ने पलटने लगे. 
तभी उन्हें विश्व मानचित्र छपा दिखा , 
उन्होंने तेजी से वो पेज फाड़ा और बच्चे को बुलाया – देखो ये वर्ल्ड मैप है , 
अब मैं इसे कई पार्ट्स में कट कर देता हूँ , 
तुम्हे इन टुकड़ों को फिर से जोड़कर वर्ल्ड मैप तैयार करना होगा.”
 
और ऐसा कहते हुए उन्होंने ये काम बेटे को दे दिया.
 
बेटा तुरंत मैप बनाने में लग गया और पिता यह सोच कर खुश होने लगे 
की अब वो आराम से दो-तीन घंटे किताब पढ़ सकेंगे . लेकिन ये क्या, अभी 
पांच मिनट ही बीते थे कि बेटा दौड़ता हुआ आया और बोला , ” ये देखिये 
पिताजी मैंने मैप तैयार कर लिया है .”
 
पिता ने आश्चर्य से देखा , मैप बिलकुल
 
सही था, – ” तुमने इतनी जल्दी मैप कैसे जोड़ दिया , 
ये तो बहुत मुश्किल काम था ?”
 
” कहाँ पापा, ये तो बिलकुल आसान था,
आपने जो पेज दिया था उसके पिछले हिस्से में एक कार्टून बना था ,
 मैंने बस वो कार्टून कम्प्लीट कर दिया और मैप अपने आप ही तैयार हो 
गया.”,
 और ऐसा कहते हुए वो बाहर खेलने के लिए भाग गया और पिताजी 
सोचते रह गए .
 
दोस्तों , कई बार life की problems
 
भी ऐसी ही होती हैं, सामने से देखने पर
 
वो बड़ी भारी-भरकम लगती हैं , मानो उनसे पार पान असंभव ही हो , 
लेकिन जब हम उनका दूसरा पहलु देखते हैं तो वही problems आसान बन 
जाती हैं, इसलिए जब कभी आपके सामने कोई समस्या आये तो उसे सिर्फ 
एक नजरिये से देखने की बजाये अलग-अलग दृष्टिकोण से देखिये , क्या 
पता वो बिलकुल आसान बन जाएं !
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सोच को बदलो सितारे बदल जायेंगे 
नजर को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे,
कश्तियाँ बदलने की जरुरत नहीं मेरे दोस्त !
दिशा को बदलो किनारे खुद ब खुद बदल जायेंगे.

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