ये हैं दो भाई - एक सफल दूसरा कसाई

yakubraza | 2:36 pm | 0 टिप्पणियाँ


यह कहानी है दो भाइयों की. 

एक ड्रग एडिक्ट और शराबी था, 

जो हर दिन अपनी पत्नी और बच्चों को मारता-पीटता था 

और दूसरा, 

काफी सफल बिजनेसमैन था, जिसकी समाज में काफी इज्जत थी. 

परिवार भी काफी खुशहाल था.

लोगों को आश्चर्य होता था 

कि कैसे एक ही पिता के दो बच्चे 

जो एक जैसे ही वातावरण में पले-बढ़े हैं, 

एक-दूसरे से इतने अलग हैं. 

एक बार किसी ने शराबी बेटे से पूछा- तुम ऐसे कैसे हो गये ?

तुम ड्रग एडिक्ट हो, शराबी हो 

और अपने परिवार के साथ मारपीट भी करते हो. 

ऐसा करने के लिए तुम कैसे प्रेरित हुए? 

उसने बताया-अपने पिता से.

उस व्यक्ति ने पूछा-वह कैसे. 

बेटे ने बताया कि मेरे पिता ड्रग एडिक्ट थे, 

शराबी थे और अपने परिवार के साथ हर दिन मारपीट भी किया करते थे. 

ऐसे में आप मुझसे क्या उम्मीद करते हैं. 

यही वजह है कि मैं ऐसा हूं.

वह व्यक्ति दूसरे लड़के के पास गया 

और पूछा- कैसे तुम सब कुछ सही करते आ रहे हो. 

तुम्हारी प्रेरणा का माध्यम क्या रहा? 

अनुमान लगाइए कि उसने क्या कहा होगा. 

उसने कहा-मेरे पिता ही मेरी प्रेरणा हैं. 

मैं हर दिन देखता था कि मेरे पिता शराब पीकर घर आते थे 

और मारपीट करते थे. 

मैंने बचपन से ही यह सोच लिया था 

कि मुज़े ऐसा बिल्कुल नहीं बनना है.

दोनों ही बेटों को एक ही जगह से मोटिवेशन मिला. 

अंतर सिर्फ इतना रहा कि 

एक ने उसका सकारात्मक प्रयोग किया, 

जबकि दूसरे ने नकारात्मक. 

नकारात्मक रूप से मोटिवेट होना ज्यादा आसान होता है, 

जबकि सकारात्मक रूप से मोटिवेट होना मुश्किल.
 
हमारे आसपास हमें मोटिवेट करने के लिए बहुत कुछ है.

यह हमारे ऊपर है कि हम किन चीजों से मोटिवेट होते हैं. 

यही तय करेगा कि हमारा आगे का सफर कैसा होगा. 

अच्छा क्या है यह आप भी जानते हैं. 

इसलिए सबसे पहले खुद के बारे में सोचें 

कि क्या आप सकारात्मक रूप से मोटिवेट हैं ? 

एक बार जब आप सकारात्मक रूप से मोटिवेट हो जायेंगे, 

तो रास्ते बनते जायेंगे. 

इन्हीं रास्तों पर चल कर आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं.
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